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28 से 31 मई तक प्रदेश के 4724 स्कूलों में हुआ कक्षा 6 से 12 तक का मूल्यांकन
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हिंदी, अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान विषयों में NCF 2023 आधारित LEP असेसमेंट
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OCR तकनीक से उत्तर स्कैन कर बनाए जा रहे हैं स्टूडेंट रिपोर्ट कार्ड और लर्निंग कंटेंट
शिमला, पराक्रम चंद: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा सुधार की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए, समग्र शिक्षा अभियान ने राज्य का अब तक का सबसे बड़ा ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) आधारित लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम (LEP) डायग्नोस्टिक असेसमेंट सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह आकलन 28 से 31 मई 2025 तक प्रदेश के 4724 सरकारी स्कूलों में आयोजित किया गया, जिसमें करीब 5.92 लाख छात्रों ने भाग लिया।
शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने इसे हिमाचल के शैक्षणिक इतिहास में एक मील का पत्थर करार दिया। उन्होंने बताया कि इस मूल्यांकन से छात्रों की वास्तविक शैक्षणिक स्थिति का आंकलन किया जाएगा और व्यक्तिगत स्तर पर पुनः शिक्षा (Remediation) की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने LEP कोर्डिनेटर्स और शिक्षकों की मेहनत की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि यह मूल्यांकन छात्रों के लर्निंग आउटकम्स को बेहतर बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
इस डायग्नोस्टिक असेसमेंट की विशेषता यह रही कि यह पूरी तरह OCR तकनीक पर आधारित था। छात्रों ने विशेष OCR उत्तर पुस्तिकाओं पर उत्तर दिए, जिन्हें SwiftChat मोबाइल ऐप की सहायता से स्कैन किया गया। स्कैन के तुरंत बाद डेटा डिजिटल रूप से प्रसंस्कृत हो गया, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया तेज, सटीक और पारदर्शी बनी।
क्वालिटी कोऑर्डिनेटर (सेकेंडरी) सोनिया शर्मा ने बताया कि इस असेसमेंट से छात्रों की अवधारणात्मक समझ और अधिगम अंतराल को समझना आसान होगा। इसमें सबसे कमजोर 25% छात्रों को चिन्हित कर उन्हें अलग से शिक्षण सामग्री और गाइडेंस दी जाएगी, जबकि बाकी 75% छात्रों के लिए हार्ड स्पॉट आधारित वर्कबुक्स तैयार की जा रही हैं।
क्वालिटी कोऑर्डिनेटर (प्राइमरी) डॉ. मंजुला शर्मा ने कहा कि LEP का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन, भागीदारी और समग्र विकास को बेहतर बनाना है। उन्होंने जोर दिया कि लर्निंग एनवायरनमेंट इनिशिएटिव को सही तरह से लागू करने से विद्यालयों में समावेशी, सहायक और प्रभावी अधिगम वातावरण तैयार होगा, जो न केवल अकादमिक बल्कि व्यावसायिक और जीवन कौशल विकास में भी सहायक होगा।



